Saturday, 22 March 2025

दिल्ली में धूमधाम से मनाया गया बिहार दिवस, दिल्ली हाट में लगा भव्य मेला

दिल्ली में धूमधाम से मनाया गया बिहार दिवस, दिल्ली हाट में लगा भव्य मेला




# 16 March से 31 मार्च तक मनाया जा रहा है बिहार उत्सव
# 1912 मे हुई थी बिहार राज्य की स्थापना 

नई दिल्ली, 22 मार्च 2025: बिहार दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली के आईएनए स्थित दिल्ली हाट में बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और हस्तशिल्प के रंगारंग कार्यक्रमों के साथ भव्य आयोजन किया गया। 22 मार्च 1912 को बिहार को बंगाल प्रांत से अलग कर नया प्रांत बनाए जाने की स्मृति में हर वर्ष बिहार दिवस मनाया जाता है।


बिहार उत्सव के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम में बिहार के कला, शिल्प और सांस्कृतिक परंपरा की भव्य झलक देखने को मिली। कार्यक्रम में बिहार सरकार के उद्योग मंत्री श्री नीतीश मिश्रा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। अपने संबोधन में श्री मिश्रा ने कहा, " मैं इतिहास का विद्यार्थी रहा हूं और एक समय था जब विश्व का इतिहास बिहार के आस पास ही घूमता था। अगर आप बिहार के हैं तो अपने दोस्तों से जरूर कहे कि एक बार बिहार जरूर आए, बिहार जरूर घूमे, बिहार में बहुत कुछ हैं जो देश भर के लोगो को देखना चाहिए| उद्योग के क्षेत्र में अब बिहार अपनी जिम्मेदारी को समझ रहा हैं। जो बिहार से बाहर रह रहे वो भी देख रहे की बिहार लगातार आगे बढ़ रहा हैं। नए नीति के मार्ग पर हमलोग चल कर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। आज बिहार में सब कुछ हैं इंफ्रास्ट्रक्चर, गुड गवर्नेंस। बिहार एक ऊंची उड़ान लेने के लिए तैयार है।"


उद्योग विभाग की सचिव श्रीमती बन्दना प्रेयशी ने कहा, "113 वर्ष पहले बिहार राज्य की स्थापना की गई थीं। तब से हम ये उत्सव मना रहे हैं।  हम सब मिल कर बिहार की एक नई तस्वीर पेश  करना चाह रहे हैं। बिहार बस मधुबनी पेंटिंग, भागलपुर का सिल्क, मुजफ्फरपुर की लीची आदि तक सीमित नहीं है बल्कि बिहार अब निवेश का भी केंद्र बनता जा रहा है।”

बिहार सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर श्री कुंदन कुमार ने प्रवासी बिहारवासियों से आह्वान किया कि वे बिहार से जुड़ें और राज्य के विकास में भागीदार बनें। उन्होंने कहा, "बिहार फाउंडेशन 'Bonding, Branding और Business' के मूल मंत्र के साथ सभी प्रवासी बिहारवासियों से जुड़ने का आह्वान करता है। आइए, मिलकर परस्पर समृद्धि के नए रास्ते खोलें और अपने बिहार से अपने रिश्ते को और सशक्त बनाएं।"

तकनीकी विकास निदेशक श्री शेखर आनंद ने कहा, "यहां प्रदर्शित प्रत्येक कलाकृति बिहार के शिल्प और सांस्कृतिक धरोहर की कहानी कहती है। हमारे कारीगर न केवल इतिहास को संजोए हुए हैं बल्कि भविष्य का भी निर्माण कर रहे हैं।"

बिहार उत्सव 2025 के तहत एक विशेष सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार के प्रसिद्ध कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में श्रीमती मनीषा झा द्वारा भरतनाट्यम, नालंदा संगीत कला विकास संस्थान द्वारा लोक नृत्य, डॉ. सुष्मिता झा द्वारा लोक संगीत, डॉ. नलिनी जोशी द्वारा शास्त्रीय गायन, श्रीमती रेखा झा द्वारा लोक एवं पार्श्व गायन तथा गोस्वामी आराध्य गिरी (लूसी भारत) द्वारा लोक संगीत की प्रस्तुतियां शामिल रहीं। इन कलाकारों की उत्कृष्ट प्रस्तुतियों ने बिहार दिवस समारोह को अविस्मरणीय बना दिया।

बिहार उत्सव 16 मार्च से 31 मार्च 2025 तक दिल्ली हाट, आईएनए में आयोजित किया जा रहा है। दिल्ली और आसपास के सभी नागरिकों से आग्रह है कि वे दिल्ली हाट पधारें और बिहार की पारंपरिक कला, शिल्प और सांस्कृतिक विरासत का आनंद लें।

Friday, 21 March 2025

विश्व जल दिवस 2025 पर मानव रचना में जल विशेषज्ञों ने ग्लेशियरों और झरनों के संरक्षण की अनिवार्यता पर दिया जोर

विश्व जल दिवस 2025 पर मानव रचना में जल विशेषज्ञों ने ग्लेशियरों और झरनों के संरक्षण की अनिवार्यता पर दिया जोर




• उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के बाद, हिमालयी क्षेत्र में ग्लेशियर और बर्फ के रूप में जमे हुए पानी का सबसे बड़ा भंडार है।

• उच्च हिमालय से निकलने वाली नदियों के वार्षिक जल प्रवाह का 30 से 40% भाग ग्लेशियर और हिम पिघलने से आता है, जो बाढ़ मैदानों के भूजल से गहराई से जुड़ा हुआ है।
• ग्लेशियरों से निकलने वाला पानी हजारों स्प्रिंग्स को पोषण देता है, जो पहाड़ों में पीने और सिंचाई जल आपूर्ति की जीवनरेखा हैं।

• भारत हर वर्ष 240 घन किमी भूजल का दोहन करता है, जो विश्व में सबसे अधिक है। भारत की 15% भूमि में भूजल संसाधनों की अत्यधिक कमी देखी जा रही है, जिससे सामुदायिक स्तर पर सतत प्रबंधन की आवश्यकता और बढ़ गई है।
• स्प्रिंग्स के सतत प्रबंधन के लिए उनके प्रवाह और जल गुणवत्ता दोनों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

फरीदाबाद, 21 मार्च 2024: मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज़ (MRIIRS) के सेंटर फॉर एडवांस्ड वॉटर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट (CAWTM) ने 'वॉटर फॉर पीपल' के सहयोग से विश्व जल दिवस के अवसर पर ग्लेशियर संरक्षण और सतत जल प्रबंधन पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सम्मेलन में वैश्विक शोधकर्ताओं, उद्योग विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं और सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और स्प्रिंगशेड प्रबंधन, जलवायु कार्यों के माध्यम से ग्लेशियर संरक्षण और भूजल संसाधनों के सतत प्रबंधन पर चर्चा की।
कार्यक्रम में अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ केंटकी के प्रसिद्ध जल शोधकर्ता प्रोफेसर एलन फ्रायर ने मुख्य वक्तव्य दिया, जिसमें उन्होंने झरनों के प्रबंधन और उनके ग्लेशियरों से संबंध पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। केंद्रीय भूजल बोर्ड, जल शक्ति मंत्रालय के सदस्य (मुख्यालय) डॉ. ए. अशोकन और वर्ल्ड वाइल्ड फंड फॉर नेचर (WWF)-इंडिया के वरिष्ठ निदेशक डॉ. सुरेश बाबू ने भारत में भूजल संसाधनों के उपयोग, नीति दृष्टिकोण, ग्लेशियरों की भूमिका और जल पर्यावरण व समुदाय से जुड़े विषयों पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में प्रोफेसर एलन फ्रायर ने हिमालयी क्षेत्र के स्प्रिंग सिस्टम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने शोध के आधार पर बताया कि "स्प्रिंग सिस्टम में गर्मी और शरद ऋतु के दौरान प्रवाह में कमी देखी जा रही है। पीछे हटते ग्लेशियर और पिघलते जल स्रोत इसकी प्रमुख वजह हैं।"
डॉ. साहा, चेयर प्रोफेसर, CAWTM और बोर्ड प्रेसिडेंट, वॉटर फॉर पीपल इंडिया ने भारत में जल संकट की बढ़ती चिंताओं पर चर्चा करते हुए कहा, "भारत के पास विश्व की कुल भूमि का केवल 2.4% हिस्सा है, लेकिन इसकी जनसंख्या विश्व की कुल जनसंख्या का 18% है। ऐसे में, ताजे पानी की कमी भारत में एक बड़ी चुनौती बन रही है। हिमालय से सटे गंगेटिक प्लेन्स में जलवायु परिवर्तन ग्लेशियरों को प्रभावित कर रहा है और इससे नदियों और जलभृतों एक्वीफर्स के प्रवाह में अनिश्चितता उत्पन्न हो रही है। इस स्थिति में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।"
डॉ. अशोकन ने भारत में भूजल प्रबंधन और संरक्षण नीतियों पर चर्चा करते हुए कहा, "भारत में भूजल के अंधाधुंध दोहन को नियंत्रित करना जरूरी है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया भी है। जहां उद्योगों के लिए सख्त नियम लागू हैं, वहीं कृषि क्षेत्र में अभी भी इसका नियंत्रण सीमित है। भूजल के सतत प्रबंधन के लिए आर्थिक जरूरतों और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखना जरूरी है।"
डॉ. सुरेश बाबू ने जल संरक्षण में विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "ग्लेशियरों के पीछे हटने से नदियों का प्रवाह प्रभावित होता है और वे ऋतुजन्य अथवा सूखी होने लगती हैं। नदी केवल जल प्रवाह का नाम नहीं है, बल्कि यह जलजीवों और जैव विविधता का भी हिस्सा होती है। डॉल्फिन और घड़ियाल जैसे जलीय जीवों के संरक्षण में समुदाय की भागीदारी आवश्यक है।"
MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए कहा, "मानव रचना जल संरक्षण के लिए अनुसंधान और जागरूकता प्रयासों में हमेशा अग्रणी रहेगा। वैश्विक विशेषज्ञों के साथ सहयोग के माध्यम से हम जल संसाधन प्रबंधन में सार्थक बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।"
इस आयोजन में IITs, जामिया मिलिया इस्लामिया जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों, प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों, उद्योग निकायों (FICCI और CII) और नीति-निर्माताओं की भागीदारी रही, जिससे जल संकट के समाधान पर एक व्यापक संवाद स्थापित हुआ।

Thursday, 20 March 2025

खुद को डी.सी.पी साउथ दिल्ली बताने वाला फर्जी IPS चढ़ा फरीदाबाद पुलिस के हत्थे

खुद को डी.सी.पी साउथ दिल्ली बताने वाला फर्जी IPS चढ़ा फरीदाबाद पुलिस के हत्थे



फरीदाबाद: 19 मार्च को रात्रि के समय प्रबंधक थाना पल्ला के  पास डी.सी.पी सेंट्रल के प्रवाचक द्वारा फोन करके सूचना दी गई कि डी.सी.पी सेंट्रल फरीदाबाद के फोन पर एक अंजान नंबर से कॉल आया, जो स्वयं को डी.सी.पी साउथ दिल्ली सुरेंद्र चौधरी IPS बता रहा था और कह रहा कि उसको अभी फरीदाबाद आना है, और उसको रास्ते का नहीं पता है, इसलिए उसे उचित स्थान पर पहुंचाने में सहायता करे, जिस पर थाना प्रबन्धक पल्ला, दिए गए मोबाइल नंबर से संपर्क कर दिल्ली बॉर्डर पहुंचे, जहां कुछ देर इंतज़ार करने के बाद एक व्यक्ति मिला, जिसने अपना परिचय सुरेन्द्र चौधरी डी.सी.पी साउथ दिल्ली दिया, जिसको सरकारी गाड़ी में बैठाकर फरीदाबाद की तरफ चले। कथित डी.सी.पी साउथ दिल्ली से उसका डेस्टिनेशन बारे पूछा तो उसने कहा वापिस ऩोएडा छोडकर आओ, जिस पर फर्जी IPS अधिकारी होने का शक हुआ,  जिस पर थाना पल्ला में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया।

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि आरोपी का नाम गौरव शर्मा है जो महरौली दिल्ली में रहता है तथा Artech कंपनी नोएडा सेक्टर 62 में वरिष्ठ मैनेजर के पद पर कार्यरत है। जिसको थाना पल्ला की पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया है

आरोपी से पूछताछ में सामने आया कि उसने इंटरनेट के माध्यम से डीसीपी साउथ दिल्ली व डीसीपी सेंट्रल फरीदाबाद के नंबर प्राप्त किए थे, उसने हवा बाजी के लिए कि क्यों ना पुलिस की गाड़ी में घूमा जाए, इसलिए उसने डीसीपी सेंट्रल को फोन कर अपने आपको सुरेंद्र चौधरी IPS डीसीपी साउथ दिल्ली बताया और फरीदाबाद में आने के लिए गाड़ी उपलब्ध कराने बारे कहा। आरोपी की पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि उसने प्रबंधक महिला थाना सेंट्रल को भी फोन कर किसी मामले में आगे pursue न करने बारे भी कहा था।

आरोपी को बाद पूछताछ न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया है।
दिल्ली में गली क्रिकेट खेलते दिखे न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, पूर्व क्रिकेटर रॉस टेलर भी हुए शामिल, पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने की अंपायरिंग l

दिल्ली में गली क्रिकेट खेलते दिखे न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री, पूर्व क्रिकेटर रॉस टेलर भी हुए शामिल, पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव ने की अंपायरिंग l


नई दिल्ली।

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन और पूर्व क्रिकेटर रॉस टेलर बुधवार को नई दिल्ली में गली क्रिकेट खेलते दिखे। उनके साथ भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव भी थे। वे अंपायरिंग करते नजर आए। वहीं न्यूजीलैंड के स्पिनर एजाज पटेल भी इसमें शामिल हुए। प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर ने कहा, क्रिकेट दोनों देशों के बीच दोस्ती और विश्वास बढ़ाने के लिए एक पुल का काम करता है।

बता दें कि न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर भारत के साथ फ्री ट्रेड व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के इंडिया टूर पर आए है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। इस समझौते से दोनों देशों के बीच अगले दस सालों के व्यापार में 10 गुना बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

दोनों देशों ने 16 मार्च को आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के लिए बातचीत फिर से शुरू करने की घोषणा की है। वहीं गली में बच्चों के साथ क्रिकेट खेलने का यह कार्यक्रम भी दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच एक बैठक के दौरान ही तय हुआ था।

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का भी दौरा किया था। उन्होंने कहा, 'न्यूजीलैंड में हिंदू समुदाय ने हमारे देश के लिए बहुत कुछ किया है। आज दिल्ली में मैंने कई कीवी-हिंदुओं के लिए इस पवित्र स्थान पर अपना सम्मान अर्पित किया।'

Thursday, 13 March 2025

 बड़खल विधानसभा क्षेत्र वार्ड नंबर 16 से भाजपा पार्षद मनोज नासवा ने दी होली की शुभकामनाएं

बड़खल विधानसभा क्षेत्र वार्ड नंबर 16 से भाजपा पार्षद मनोज नासवा ने दी होली की शुभकामनाएं

 



फरीदाबाद : बड़खल विधानसभा क्षेत्र के वार्ड नंबर 16 के भाजपा पार्षद मनोज नासवा ने सभी क्षेत्रवासियों को होली के पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने अपने संदेश में कहा कि होली रंगों का त्यौहार है, जो हमें आपसी भाईचारे, प्रेम और एकता की भावना को बढ़ावा देने का संदेश देता है।

मनोज नासवा ने क्षेत्रवासियों से अपील की कि वे इस पर्व को सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाएं। उन्होंने कहा कि हमें एक-दूसरे से प्रेम और सम्मान के साथ होली खेलनी चाहिए, ताकि समाज में समरसता बनी रहे।

पार्षद ने यह भी कहा कि इस होली, हम सभी को न केवल रंगों में, बल्कि जीवन के हर पहलू में खुशियों और सकारात्मकता के रंग भरने चाहिए। उनके शुभकामना संदेश से क्षेत्रवासियों में एक नई उमंग और उत्साह का संचार हुआ है।


 रंगों का त्योहार होली खुशी और भाईचारे का प्रतीक- बंडारू दत्तात्रेय

रंगों का त्योहार होली खुशी और भाईचारे का प्रतीक- बंडारू दत्तात्रेय

राजभवन में हुआ होली मिलन समारोह का आयोजन


चंडीगढ़, 13 मार्च 2025 -
 रंगों का त्योहार होली भारत की महान संस्कृति के अनूठे उल्लास को समेटे हुए है। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। रंगों का यह त्योहार इसी विविधता में एकता, खुशी, आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। हम सभी को यह पर्व एक दूसरे का सम्मान करते हुए स्नेह व भाईचारे के साथ शांतिपूर्ण ढंग से मनाना चाहिए।
 
हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने यह बात वीरवार को हरियाणा राजभवन में आयोजित होली मिलन समारोह के दौरान प्रदेशवासियों को होली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कही। साथ ही ईश्वर से कामना की कि रंगों का यह पर्व हर प्रदेशवासी के मन में नए उत्साह, उल्लास और ऊर्जा का संचार करे।
 


इस समारोह में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविंद्र कल्याण, हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डा. कृष्ण लाल मिढा, विधायक, पूर्व विधायक, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, चंडीगढ़ में सलाहकार श्री राजीव वर्मा, पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर, अनेक प्रशासनिक अधिकारीगण, विभिन्न आयोग व बोर्ड के चेयरमैन सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व अन्य सभी अधिकारियों को गुलाल लगाकर व पुष्प बरसाकर होली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने समारोह में उपस्थित सभी कर्मचारियों को भी तिलक लगाकर इस पावन पर्व की बधाई दी। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान के साथ हुई और इसके बाद कला एवं सांस्कृति विभाग की ओर से संगीतमय कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
मानव रचना और आईआईटी कानपुर द्वारा स्वयं NPTEL जागरूकता व उत्कर्ष कार्यशाला

मानव रचना और आईआईटी कानपुर द्वारा स्वयं NPTEL जागरूकता व उत्कर्ष कार्यशाला




फरीदाबाद, 13 मार्च 2025: प्रौद्योगिकी-आधारित शिक्षा में अपनी श्रेष्ठता को और मजबूत करते हुए, मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) ने IIT कानपुर के सहयोग से उत्तर क्षेत्र SPOC सम्मान समारोह एवं जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। यह कार्यक्रम SWAYAM NPTEL पहल के तहत हुआ, जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय का प्रमुख पहल है।
इस कार्यशाला में दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से शिक्षाविद, शोधकर्ता और छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्सेज (MOOCs) और बहुविषयक शिक्षा की संभावनाओं पर चर्चा करना था।
मानव रचना डिजिटल लर्निंग में अग्रणी रहा है और SWAYAM NPTEL कार्यक्रम में ‘AA’ रेटिंग प्राप्त करते हुए हरियाणा में शीर्ष स्थानों पर रहा है।
कार्यशाला में प्रो. डॉ. सत्यकी रॉय (राष्ट्रीय समन्वयक, SWAYAM NPTEL, IIT कानपुर) और डॉ. अंगना सेनगुप्ता (लोकल चैप्टर कोऑर्डिनेटर, IIT कानपुर) ने संस्थानों के डिजिटल लर्निंग इंफ्रास्ट्रक्चर को सशक्त बनाने पर चर्चा की। MRIIRS के एसोसिएट डीन अकादमिक्स डॉ. कमलेश शर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे विश्वविद्यालय को कई सम्मान मिले हैं।
MRIIRS के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव ने शिक्षकों और छात्रों के डिजिटल लर्निंग अपनाने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, " हम ऑनलाइन लर्निंग को शैक्षणिक कार्यक्रमों का अभिन्न हिस्सा बनाकर छात्रों को प्रतिस्पर्धी माहौल में सफल होने और भारत की कार्यशक्ति में प्रभावी योगदान देने के लिए तैयार कर रहे हैं।"
MRIIRS के प्रो-वाइस चांसलर डॉ. नरेश ग्रोवर ने कहा, "NPTEL का विस्तार तेजी से हो रहा है और इसका प्रभाव अकादमिक एवं तकनीकी क्षेत्रों में व्यापक है। मानव रचना अनुसंधान-आधारित शिक्षा को प्रोत्साहित करते हुए SWAYAM NPTEL के माध्यम से छात्रों को उत्कृष्ट स्तर का शिक्षण प्रदान कर रहा है।"
वर्तमान में 29,000+ पाठ्यक्रमों को सपोर्ट कर रहा मानव रचना का SWAYAM NPTEL लोकल चैप्टर, छात्रों को अकादमिक क्रेडिट अर्जित करने, GATE परीक्षा की तैयारी करने और उद्योग से जुड़े कोर्स करने का अवसर देता है। डिजिटल लर्निंग को अपनाकर, मानव रचना वैश्विक मानकों के अनुरूप उच्च शिक्षा प्रदान करने में अग्रणी बना हुआ है।
MREI के बारे में:
1997 में स्थापित, मानव रचना शैक्षणिक संस्थान (MREI) शिक्षा में उत्कृष्टता का प्रतीक हैं, जो विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट शिक्षा प्रदान करते हैं। 41,000 से अधिक पूर्व छात्र, 120+ वैश्विक शैक्षणिक सहयोग और 80+ नवाचार और ऊष्मायन उद्यमों के साथ, MREI प्रमुख संस्थानों का केन्द्र है, जिसमें मानव रचना विश्वविद्यालय (MRU), मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज (MRIIRS) – NAAC A++ मान्यता प्राप्त, और मानव रचना डेंटल कॉलेज (MRIIRS के तहत) – NABH मान्यता प्राप्त हैं। MREI भारत भर में 12 स्कूल भी संचालित करता है, जो भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम जैसे IB और कैम्ब्रिज प्रदान करते हैं। MRIIRS को QS 5-स्टार रेटिंग्स मिली हैं, जिनमें शिक्षण, रोजगार, अकादमिक विकास, सुविधाएं, सामाजिक ज़िम्मेदारी और समावेशिता शामिल हैं। MRIIRS हाल ही में NIRF रैंकिंग 2024 में शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों की सूची में 92वें स्थान पर पहुंचा और डेंटल श्रेणी में 38वें स्थान पर था।

Sunday, 2 March 2025

बॉडी जोन (सेक्टर 49) ने जे. एस. डी क्रिकेट क्लब को 7 विकेट से हराया। यह मैच 20 ओवर का था और द बॉडी जोन (सेक्टर 49)

बॉडी जोन (सेक्टर 49) ने जे. एस. डी क्रिकेट क्लब को 7 विकेट से हराया। यह मैच 20 ओवर का था और द बॉडी जोन (सेक्टर 49)


फरीदाबाद: 26th रविंदर फागना सैटरडे मिक्स कॉरपोरेट कप 2025, रविंदर फागना क्रिकेट ग्राउंड भूमि पाली फरीदाबाद पर खेला गया। और यह मैच द बॉडी जोन (सेक्टर 49) ओर जे. एस. डी क्रिकेट क्लब के  बीच खेला गया। इस मैच में द बॉडी जोन (सेक्टर 49) ने जे. एस. डी क्रिकेट क्लब को 7 विकेट से हराया। यह मैच 20 ओवर का था और द बॉडी जोन (सेक्टर 49) ने पहले टॉस जीत कर गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। जे. एस. डी क्रिकेट क्लब टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 130 रन का लक्ष्य दिया। जे. एस. डी क्रिकेट क्लब की ओर से पहले बल्लेबाजी करते हुए  गौरव चौधरी ने 29 गेंदों पर 3 चौके, 2 छक्के की मदद से 39 रन, योगिंदर कौशिक ने 18 गेंदों पर 1 चौके,1 छक्के की मदद से 21 रन बनाए। द बॉडी जोन (सेक्टर 49) की ओर से गेंदबाजी करते हुए कुल्ली फागना, विमल बक्शी और संजीव शर्मा ने 2–2 विकेट, प्रमोद पोल, गौरव माटा ओर नवीन मोर ने 1–1 विकेट हासिल किया। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए द बॉडी जोन (सेक्टर 49) टीम  ने 13.3  ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 134 रन बनाकर जीत हासिल की। द बॉडी जोन (सेक्टर 49) की ओर से बल्लेबाजी करते हुए कुल्ली फागना ने 25 गेंद पर 6 चौके, 4 छक्के की मदद से 55 रन, विपिन नैन ने 31 गेंदों में 7 चौके की मदद से 45 रन बनाए। जे. एस. डी क्रिकेट की ओर से गेंदबाजी करते हुए हेमंत शर्मा, अभिषेक और योगेंद्र कौशिक ने 1–1 विकेट लिया।
इस मैच का मैन ऑफ द मैच  कुल्ली फागना  को घोषित किया गया और फाइटर ऑफ द मैच गौरव चौधरी  को घोषित किया।

Monday, 3 February 2025

नई शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यक्रम में बोले केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़

नई शिक्षा नीति पर आयोजित कार्यक्रम में बोले केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़




प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में जल्द नियुक्त होंगे संस्कार टीचर
नए सत्र से होगी नियुक्ति, जल्द होगा विज्ञापन जारी

हिसार। केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ ने कहा है कि देश में नई शिक्षा निति के तहत विद्याथिर्यों को शिक्षा के साथ-साथ अपनी सस्कृति एवं गौरव का भी ज्ञान करवाया जाएगा। साथ ही उसे नैतिक संस्कारों के शिक्षा भी प्रदान की जाएगी। इसके लिए बकायदा प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में संस्कार अध्यापक भी नियुक्त होंगे। वो हिसार में एक नई शिक्षा नीति पर आयोजित एक कार्यशाला में भाग ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस प्रकार की परियोजनाओं के तहत चयनित अध्यापक का कार्य विद्याथिर्यों में जहां संस्कार विकसित करना होगा, वही वो नैतिक शिक्षा के भी ध्वजवाहक का भी कार्य करेंगे। ये अध्यापक स्कूल एजुकेशन और साक्षरता मिशन भारत सरकार के विशेष प्रोजेक्ट के तहत मिनिस्ट्री आफ कल्चर अफेयर भारत सरकार व देश की एक नामी संस्थान के तत्वावधान में सभी प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त किए जाएंगे। इसके लिए बकायदा सिलेबस भी तैयार किया जा रहा है। ये अध्यापक अंशकालिक होंगे, और ये हर रोज दो घंटे ही विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे।     
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ये रहेगी शैक्षणिक योग्यता:-
केश कला एवं कौशल विकास बोर्ड के निदेशक नरेश सेलपाड़ के अनुसार इन पदों के लिए न्यूनतम योग्यता 12 वीं कक्षा पास गई है। साथ ही आवेदक की आयु प्रदेश में नियुक्ति नियमों के अनुरुप 18 से 42 वर्ष के मध्य होनी चाहिए। हालांकि एससी, एस.टी. या भूतपूर्व सैनिकों या उनके आश्रितों, स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को इसमें तीन वर्ष की छूट रहेगी। इसके अलावा इसके 33 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे।
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ये रहेगा वेतनमान:-
निदेशक नरेश सेलपाड़ ने बताया कि चयनित प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त संस्कार अध्यापकों को महज दो घंटे ही अपनी सेवाएं देनी होगी। जिसके एवज में उन्हें 9240 रुपये के आस-पास वेतनमान दिया जाएगा। यदि एक गांव में एक स्कूल है तो उनकी डयूटी उसी स्कूल में होगी, यदि गांव में दो प्राईमरी स्कूल हैं तो अलग-अलग दिनों या एक-एक घंटा दोनों स्कूलों में सेवाएं देनी होगी। किसी बड़े गांव या कस्बे में दो से अधिक प्राइमरी स्कूल होने पर वहां एक से अधिक अध्यापकों की नियुक्तियां हो सकेगी।  
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सात लोगों की बनेगी कमेटी:-
विद्याथिर्यों में भारतीय संस्कृति के प्रति रुचि पैदा करने के लिए सात सदस्यों की एक कमेटी भी बनेगी। इस कमेटी से जुड़ने के लिए 12वीं तक शिक्षित होने के अलावा समाजसेवा से जुड़ा होना अनिवार्य मापदंड बनाया गया है। हालांकि इनका कार्य निगरानी एवं सुझाव देने व कार्य विशेष की योजना को अमलीजामा पहनाना होगा। यह कमेटी पहले से स्कूल में कार्यरत एसएमसी कमेटी से अलग होगी। वैसे एसएमसी कमेटी के सदस्य भी इससे जुड़ सकते हैं, मगर उनकी शिक्षा से संबंधित मांपदंड पूरे करने होंगे, जबकि एसएमसी कमेटी में ऐसा कोई नियम नहीं था।
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हर माता-पिता की इच्छा होती है अपनी संतानों को अच्छी शिक्षा दिलाएं, पढ़ा-लिखाकर उन्हें बड़ा बनाएं, लेकिन सिर्फ किताबी ज्ञान या सामान्य शिक्षा किसी को बड़ा नहीं बना सकती। सफलता के शीर्ष को छूना हो तो शिक्षा के साथ बच्चों को संस्कार देना भी जरूरी हैं। परंतु यह भी तय है कि जब तक संस्कार ज्ञान के साथ नहीं गूंथ दिए जाते, बच्चा सफल होना तो दूर, कामयाबी की दौड़ में शामिल हो पाने के लायक भी नहीं बन सकता।   निदेशक, नरेश सेलपाड़

Thursday, 23 January 2025

74-वर्षीय मरीज की जीवनघातक सिस्ट की सफल सर्जरी, यह सिस्ट साइनस से मस्तिष्क और आंखों तक बढ़ चुकी थी

74-वर्षीय मरीज की जीवनघातक सिस्ट की सफल सर्जरी, यह सिस्ट साइनस से मस्तिष्क और आंखों तक बढ़ चुकी थी



साइनस में मौजूद इस सिस्ट में फ्लूड भर चुका था और सिस्ट मरीज के मस्तिष्क तथा आंखों तक फैली गई थी, ऐसे दुर्लभ मामले 1 मिलियन लोगों में से केवल 2.4 में ही देखे गए हैं

फरीदाबाद, 23 जनवरी, 2025: फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद के डॉक्टरों ने 74 वर्षीय मरीज की साइनस में फ्लूड (तरल पदार्थ) से भरी हुई सिस्ट को हटाने के लिए सफल सर्जरी को अंजाम दिया है। यह सिस्ट मरीज की साइनस से होते मस्तिष्क और बायीं आंख तक में फैल चुकी थी जिसकी वजह से उनकी दृष्टि भी प्रभावित हो रही थी। डॉ सुरेंद्र कुमार, कंसल्टेंट, ईएनटी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने एक चुनौतीपूर्ण सर्जरी के माध्यम से म्युकोसील (तरल पदार्थ से भरी हुई सिस्ट) को हटाकर आंख पर पड़ने वाले दबाव को कम किया, और साथ ही, मस्तिष्क से निकल रहे सेरिब्रोस्पाइनल फ्लूड के रिसाव को भी बंद किया। इस सर्जरी को करीब 2 घंटे में पूरा किया गया और 2 दिनों बाद ही मरीज को स्थिर अवस्था में अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। म्यूकोसील काफी दुर्लभ होती हैं, जो प्रति 1 मिलियन की आबादी में 2.4 लोगों को प्रभावित करती हैं। 

मरीज की साइनस में यह सिस्ट लगभग एक साल पहले बनी थी और फोर्टिस में भर्ती होने से करीब 7-8 महीने पहले एक अन्य अस्पताल में भी वह इसका उपचार करवा चुके थे, लेकिन कोई खास सुधार नहीं हुआ था। इसके बाद उन्हें फोर्टिस में लाया गया और यहां भर्ती होने पर उनका CT–PNS (पैरानेसल और साइनसेस) तथा ब्रेन एमआरआई किया गया जिससे म्यूकोसील की पुष्टि हुई जो बढ़कर आंखों, मस्तिष्क और आसपास की हड्डियों तक को प्रभावित कर रही थी। यह बेहद दुर्लभ किस्म का मामला है। इस जांच के बाद, म्यूकोसील को एंडोस्कोपी की मदद से निकाला गया, और बायीं आंख का डीकम्प्रेशन करने के साथ-साथ मस्तिष्क से सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूड रिसाव को रोकने के लिए रिपेयरिंग की गई। मरीज की सर्जरी सफल रही और धीरे-धीरे उनकी रिकवरी भी हो रही है। 

इस मामले की जानकारी देते हुए, डॉ सुरेंद्र कुमार, कंसल्टेंट, ईएनटी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद ने कहा, “ऐसे दुर्लभ मामले क्रोनिक साइनस इंफेक्शन की वजह से तब होते हैं जबकि साइनस का ऑस्टियम (जो कि नाक गुहा यानि नेसल कैविटी में साइनस को कनेक्ट करने वाला छोटा छिद्र होता है) बाधित होता है, जिसकी वजह से म्यूकोसील बनता है। 

इस मामले में, मरीज को स्थायी विज़न नष्ट होने का खतरा था, क्योंकि सूजन की वजह से ऑप्टिक नर्व पर दबाव पड़ रहा था। दूसरे, इस सूजन में फ्लूड भी था जो कि सिर की हड्डी में काफी क्षति होने की वजह से पैदा हो रहा था, और ऐसे में मस्तिष्क से सेरीब्रोस्पाइनल फ्लूड के रिसाव का जोखिम बढ़ गया था और मेनिंजाइटिस तथा अन्य कई किस्म की जटिलताओं का भी खतरा था। लेकिन सही उपचार मिलने से मरीज स्वास्थ्य लाभ कर सके। यदि उनका सही समय पर उपचार नहीं होता, तो यह सिस्ट उनके मस्तिष्क तक पहुंच सकता था और मस्तिष्क के अगले भाग की जरूरी संरचनाओं पर दबाव बढ़ा सकता था। साथ ही, न्यूरोलॉजिकल तथा कॉग्निटव कमी होने तथा बायीं आंख में स्थायी दृष्टि दोष का खतरा भी था।”

योगेंद्र नाथ अवधिया, फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद ने कहा, “यह मरीज की नाजुक हालत के चलते काफी चुनौतीपूर्ण मामला था। लेकिन डॉ सुरेंद्र कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने इस पूरे मामले को बेहद सावधानी और देखभाल के साथ अंजाम दिया। इस जटिल सर्जरी को सटीकतापूर्वक पूरा किया गया ताकि किसी भी किस्म भी जटिलता से बचाव हो सके। इस प्रकार के मामलों में सही डायग्नॉस्टिक एप्रोच और मैनेजमेंट की जरूरत होती है, और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पीटल फरीदाबाद ऐसे चुनौतीपूर्ण मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।”